Friday, July 09, 2021

Baad-e-Saba

इन जवाबों में आपकी गहराइयाँ ढूँढता हूँ...

जो कह ना सके लब वो कहानियाँ सुनता हूँ,

ना जाने कितने अफ़साने बयाँ करती हैं आपकी झुकी निगाहें...

इन अफ़सानों में ही आपके शख़्सियत की ख़ूबसूरती तमाम ढूँढता हूँ ! 

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